
ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) एक प्रकार का निवेश उपकरण है, जो स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करता है, जैसे कि शेयरShare। ईटीएफ (ETF) में विभिन्न प्रकार की संपत्तियां होती हैं, जैसे स्टॉक(Stock), बॉन्ड(Bond), कमोडिटिज़(Commodities) आदि। ये फ़्रैंचाइज़ फंड्स की तरह ही काम करते हैं, लेकिन ये निवेशक सीधे शेयर बाज़ार में खरीद-बिक्री कर सकते हैं।
शेयर मार्केट में सीधा निवेश करने का सबसे अच्छा विकल्प ETF है, जिसकी वजह से यह बहुत लोकप्रिय हो रहा है। साथ ही, ETF में कम लागत होती है, जिससे निवेशकों को अधिक लाभ मिलता है।
ईटीएफ के मुख्य घटक:
शेयर बाजार पर सूचीबद्ध (Listed): ईटीएफ(ETF) शेयर बाजार पर सूचीबद्ध(Listed) होते हैं और शेयर की तरह ही खरीदारी-बेचा जा सकता है।
विविधता (Diversity):
ETF निवेशकों को विभिन्न प्रकार के निवेश करने का अवसर देता है, जिससे जोखिम कम होता है।
कम लागत (Less cost):
ETF की फंड फ़्रांसीसी फंडों की तुलना में कम लागत है, क्योंकि सक्रिय रूप से प्रबंधन नहीं किया गया है।
असमानता (Inequality):
ईटीएफ(ETF) शेयर बाजार पर व्यापार होता है, इसलिए इन्हें बाजार के खुले समय में किसी भी समय खरीदा या बेचा जा सकता है।
ETF के प्रकार:
प्राइवेट ETF: इनमें विभिन्न कंपनियों की हिस्सेदारी होती है।
बॉन्ड ETF:
इनमें सरकारी या कॉर्पोरेट बॉन्ड होते हैं।
कमोडिटी ईटीएफ(Commodity ETF): सोना, चांदी, या अन्य कमोडिटी मौजूद हैं।
सेक्टर थीम आधारित ईटीएफ: ये किसी विशेष सेक्टर जैसे आईटी, दवा आदि पर आधारित होते हैं।
ETF में निवेश करने के फायदे:
कम लागत: कम पूंजी और ब्रोकरेज शुल्ककम होने के कारण ETF में निवेश करना सस्ता होता है।
विविधता: ईटीएफ में एक साथ कई विविध निवेश होते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है।
असमानता: ईटीएफ को शेयर बाजार में किसी भी समय खरीदा या बेचा जा सकता है।
ETF में निवेश कैसे करें:
आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा ETF में निवेश करने के लिए। उसके बाद आप शेयर बाजार के माध्यम से ईटीएफ को खरीद या बेच सकते हैं, जिससे आप शेयर ट्रेडिंग करते हैं।
जो कि निवेशकों के लिए अपने पोर्टफोलियो को अलग -अलग तरीके से बनाने और जोखिम को कम करने का,ईटीएफ एक सरल और प्रभावी तरीका है।
हालांकि इसका फॉर्मूला ETF का
NAV (नेट एसेट वैल्यू) की गणना इस प्रकार होती है:-
NAV=(कुल संपत्तियाँ-कुल देनदारियाँ)/कुल इकाइयां
NAV=(Assets-liabilities)/Total Number of Units
इसको उदारहरण के माध्यम से इसप्रकार देखें की अगर ETF की NAV ₹800 से बढ़कर ₹900 हो जाती है, तो आपको 12.5% का रिटर्न मिलेगा।
निवेश करने के लिए ETF एक अच्छा माध्यम है, लेकिन यह म्यूचुअल फंड से अलग होता है। इसके विपरीत, म्यूचुअल फंड के लिए निवेशक को सीधे फंड मैनेजर से संपर्क करना पड़ता है।
कुछ BeEs ETF इसप्रकार हैं :
Gold BeES: सोने के मूल्य को ट्रैक करता है।
Nifty Next 50 BeES: Nifty Next 50 कंपनियों के प्रदर्शन को दिखाता है।
S&P BSE 500 BeES: S&P BSE 500 इंडेक्स को ट्रैक करता है।
Nifty Bank BeES: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन को बतलाता है।
Nifty IT BeES: आईटी सेक्टर में कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है।
BeES ETFs:को और अधिक समझने के लिए CILICK करें
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